
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष (निरंजनी) श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने ज्ञानवापी परिसर को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान की कड़ी निंदा की है।मीडिया को जारी बयान में श्रीमहंत ने कहा कि अखिलेश का बयान करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात है। अखिलेश मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ा रहे हैं। ज्ञानवापी परिसर को लेकर अखिलेश का बयान निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव हिंदू होते हुए भी अपने धर्म का उपहास उड़ा रहे हैं।
मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अखिलेश ने पत्थर पर सिंदूर लगाकर पूजे जाने का मजाक बनाया है, जबकि हमारे देवी देवताओं सिंदूर से श्रंगार होता है। सनातन परंपरा में पत्थर की मूर्ति को भी प्राण प्रतिष्ठित कर उसमें जान डाली जाती है।वैदिक मंत्रों में इतनी शक्ति है कि एक सामान्य सा पत्थर भी चमत्कारिक हो जाता है। जबकि भगवान भोलेनाथ तो धरती से प्रकट होते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान भोले नाथ के जितने भी ज्योर्तिलिंग हैं। वह सब के सब स्वयंभू है, उनकी उत्पत्ति स्वयं शिव शंभू की इच्छा अनुसार ही होती है।
अब नंदी की प्रतीक्षा पूर्ण होने का समय आ गया
भोले की मर्जी के बिना कुछ नहीं होता है। परिसर के अंदर भगवान भोलेनाथ विराजमान है। इसका प्रमाण सैकड़ों वर्षो से स्थापित नंदी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब नंदी की प्रतीक्षा पूर्ण होने का समय आ गया है। इसमें व्यवधान पैदा करने वालों को शिव कभी माफ नहीं करेंगे।सैकड़ों वर्ष की प्रतीक्षा के बाद अब वह समय आया है। जब भगवान भोलेनाथ स्वयं प्रकट हो रहे हैं। उन्होंने अखिलेश यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि वह हिंदू समाज से माफी मांगे या फिर अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि हिंदुओं के साथ हैं या ओवैसी के साथ हैं।