देहरादून।
उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्र के कंदाड़ और इद्रोली गांवों ने शादी-ब्याह और मांगलिक समारोहों में महिलाओं के गहनों को सीमित करने का अनोखा सामाजिक निर्णय लिया है। अब महिलाएं केवल कान के कुंडल, नाक की फुली और मंगलसूत्र ही पहन सकेंगी। इस नियम का उल्लंघन करने पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
गांववासियों का कहना है कि यह निर्णय सादगी, समानता और आर्थिक बोझ कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में गहनों का दिखावा बढ़ गया था, जिससे सामाजिक प्रतिस्पर्धा और गरीब परिवारों पर आर्थिक दबाव भी बढ़ा।
स्थानीय महिलाएं इस फैसले का समर्थन कर रही हैं। फूल्पा देवी ने कहा कि नियम सभी के लिए ठीक है और इससे कोई असमानता नहीं रहेगी। अमृता चौहान ने बताया कि यह निर्णय इसलिए जरूरी था ताकि शादी समारोहों में कोई दिखावा न कर सके और गरीब परिवारों को राहत मिले।
गांव के बुजुर्गों ने भी फैसले को सराहा। उमा देवी ने बताया कि यह निर्णय अतीत की परंपराओं के अनुरूप है और समाज में आपसी एकता बढ़ाएगा। बलदेव सिंह ने कहा कि इससे अमीरी और गरीबी का भेद मिटेगा और सभी महिलाएं समान गहने पहनेंगी।
कंदाड़ और इद्रोली का यह फैसला पूरे उत्तराखंड में चर्चा का विषय बन गया है। कई लोग इसे सामाजिक जागरूकता और समानता की दिशा में प्रेरक कदम बता रहे हैं।
