
देहरादून/सिक्किम:
सिवोक-रंगपो रेलवे लाइन परियोजना, जो पहली बार सिक्किम को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी, 2027 तक चालू होने की उम्मीद है। इस परियोजना के पूरा होने से सिक्किम और पश्चिम बंगाल के बीच रेल मार्ग स्थापित होगा, जिससे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास तेज होगा।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी और इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के चेयरमैन हरि मोहन गुप्ता ने बताया कि परियोजना के तहत 14 सुरंगों और 23 पुलों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि हिमालयी भूभाग की चुनौतियों के कारण काम में कुछ बाधाएं आई हैं, लेकिन काम की गति जारी है।
रेलवे के अनुसार, कुल लगभग 45 किलोमीटर लंबी इस लाइन में से 41.5 किलोमीटर पश्चिम बंगाल में और 3.5 किलोमीटर सिक्किम में है। इस परियोजना के पूरा होने से यात्रा का समय कम होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और व्यापारिक गतिविधियाँ सुगम होंगी।
परियोजना की कुल लागत 11,973 करोड़ रुपये है, जिसमें अब तक 8,358 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। आगामी वित्त वर्ष के लिए 2,940 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हिमालयी क्षेत्र की कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण इस परियोजना को सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
रेल मंत्रालय ने बताया कि 44.96 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन में 86 प्रतिशत हिस्सा सुरंगों का है। परियोजना की आधारशिला 2009 में रखी गई थी और अब तक सुरंग निर्माण का 32 किलोमीटर का कार्य पूरा हो चुका है।
इस परियोजना से न केवल सिक्किम की कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास और राष्ट्रीय एकीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।