
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की वित्तीय हालत का जायजा लिया। कोरोना महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को लगे झटके से उबारने के लिए उन्होंने आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए। राज्य की आर्थिकी को मजबूती और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए अधिकाधिक निवेश की जरूरत पर बल दिया। मुख्यमंत्री धामी के पास वित्त का प्रभार भी है।मुख्यमंत्री आवास स्थित कैंप कार्यालय में सोमवार देर रात्रि तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की। बतौर मुख्यमंत्री एक माह का कार्यकाल पूरा कर चुके धामी ने वित्त विभाग की पहली बार समीक्षा की। दरअसल पिछले डेढ़ वर्षों से प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर इसका बुरा असर पड़ा है। विभिन्न आर्थिक गतिविधियों पर लंबे समय से रोक लगने की वजह से राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के समक्ष वित्तीय चुनौती का जायजा लिया।
सीएम के सामने वित्तीय स्थिति का प्रस्तुतीकरण बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य का कुल बजट प्रविधान 57400.32 करोड़ है। राज्य में वेतन-भत्तों पर ही तकरीबन साढ़े सोलह हजार करोड़ खर्च हो रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आय के साधन बढ़ाने के साथ राज्य में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेश बढऩे से राज्य की आर्थिकी का आकार बढ़ेगा और रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा। बजट का सदुपयोग करने के निर्देशमुख्यमंत्री ने बजट का सदुपयोग करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि बरसात के बाद बजट के तेजी से उपयोग के लिए नियोजित तरीके से काम किया जाना चाहिए। विकास कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जाना चाहिए। बैठक में मुख्य सचिव डा एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव वित्त मनीषा पंवार, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव वी षणमुगम के साथ ही वित्त, कर समेत संबंधित विभागों के आला अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।