
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सभी मनरेगा श्रमिकों को जल्द से जल्द भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को तीन महीनों के भीतर कम से कम 5 से 6 लाख श्रमिकों को बोर्ड में शामिल करने का लक्ष्य दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का लाभ तभी प्रभावी होगा जब अधिकतम श्रमिक सीधे तौर पर इन योजनाओं से लाभान्वित हों। उन्होंने अधिकारियों को श्रमिकों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुँचाने और उन्हें आवेदन प्रक्रिया में सहायता करने का विशेष दायित्व सौंपा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने लगभग 10,000 श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को ऑनलाइन पोर्टल और DBT के माध्यम से ₹11.5 करोड़ की आर्थिक सहायता भी वितरित की। उन्होंने कहा कि यह राशि श्रमिकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से भी आग्रह किया कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर प्राप्त करें। उन्होंने कहा, “मेहनत हमारी ताकत है, एकता हमारी पहचान है। हमारा लक्ष्य श्रमिकों का सर्वांगीण विकास और सम्मान है।”
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने खनन विभाग के बेहतर प्रदर्शन की भी प्रशंसा की और कहा कि उत्तराखण्ड का खनन मॉडल अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बन चुका है।