
चंबा।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय बादशाहीथौल के शहीद गबर सिंह नेगी सभागार में एक दिवसीय विशेष कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें विश्वविद्यालय के कार्मिकों को तनाव मुक्त रहने व अपनी कार्यशैली बेहतर बनाने के गुर बताए गए।
कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय और ज्वाइन फॉर स्माइल संस्था के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस मौके पर संस्था के प्रतिनिधि डॉ0 सागर कश्यप ने बताया कि भारत विश्व का सबसे बड़ा देश है। जहां के अधिकतर नागरिक तनावग्रस्त हैं जबकि स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड और भूटान जैसे देश सबसे खुशहाल राष्ट्रों में गिने जाते हैं। उन्होंने बताया कि छोटी-छोटी बीमारियों को बिना एलोपैथिक व एंटीबायोटिक दवाइयों के भी ठीक किया जाना संभव है। डॉक्टर कश्यप ने अपने व्याख्यान में बताया कि तनाव से कई प्रकार की हानियां उठानी पड़ रही हैं। तनाव से कई प्रकार के नुकसान हो रहे हैं। लोग विभिन्न प्रकार के नशे व मोबाइल की आदि होते जा रहे हैं। इससे परिवार बिखर रहे हैं और आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि जीवन में आशावादी तथा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए और अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर उपलब्ध संसाधनों में ही जीने की आदत डालनी चाहिए। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर मोहन सिंह पंवार ने कहा कि विश्वविद्यालय के कार्मिक तनाव मुक्त रहकर छात्र-छात्राओं की समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने कहा कि तनाव मुक्त से मनुष्य का बौद्धिक कार्य व विकास बना रहता है। कार्यशाला के मुख्य अतिथि एसआरटी परिसर के निदेशक प्रोफेसर एआर बौड़ाई ने उपस्थित कार्मिकों को खुशहाल जीवन जीने के लिए तनाव व नशे से दूर रहने की सलाह दी। विशिष्ट अतिथि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी की प्राचार्य प्रो0 रेणु नेगी ने कहा कि इंसान के चेहरे की मुस्कुराहट गायब होने के पीछे असली वजह तनाव है। तनाव से हम सबकी उम्र कम होती जा रही है जो कि चिंता का विषय है। कार्यशाला का संचालन विश्वविद्यालय के सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमंत बिष्ट ने किया उन्होंने अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद अदा किया। कार्यशाला में सहायक कुलसचिव हेमराज चौहान, देवेंद्र चौहान, डॉ बीएल आर्य, सुनील नौटियाल, जेएस बिष्ट, बीएस भंडारी, डीएस रावत, दर्शन लाल शाह सहित 60 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।