बैंकॉक/नोम पेन्ह। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा एक बार फिर युद्धक्षेत्र में बदल गई है। रविवार को हुई हल्की झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच तीव्र गोलीबारी शुरू हो गई है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि हजारों नागरिक अपने घर छोड़कर सुरक्षित क्षेत्रों की ओर भाग रहे हैं।
कंबोडिया के प्रभावशाली सीनेट अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन ने सोशल मीडिया पर कहा कि कंबोडिया शांति चाहता है, लेकिन थाई सेना की कार्रवाई के बाद वह “मजबूरन जवाब दे रहा” है।
हुन सेन ने दावा किया कि सोमवार को कंबोडियाई सेना ने संयम रखा, लेकिन थाई सेना की ओर से फिर गोलीबारी हुई, जिसके बाद संघर्ष तेज हो गया।
- थाईलैंड का आरोप: कंबोडिया ने मंगलवार को तोप, रॉकेट और ड्रोन से हमला किया।
- कंबोडिया का दावा: संघर्ष में 7 नागरिक मारे गए, 20 घायल।
- थाई सेना: हमारी तरफ 3 सैनिकों की मौत हुई है।
दोनों देशों का कहना है कि पहले हमला दूसरी ओर से किया गया था।
थाई सेना ने “रक्षात्मक कार्रवाई” बताते हुए सीमा पर हवाई हमले किए हैं।
थाईलैंड के चार सीमावर्ती प्रांतों में 500 अस्थायी शिविर, लगभग 1.26 लाख लोग राहत केंद्रों में।
कंबोडिया की तरफ 55,000 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
लगभग 800 किमी लंबी सीमा, जिसे औपनिवेशिक काल में फ्रांस ने निर्धारित किया था, दोनों देशों के बीच दशकों से विवाद की वजह है।
- कंबोडिया का आरोप—थाईलैंड 18 कैदियों को गलत तरीके से पकड़े हुए है।
- थाईलैंड का आरोप—कंबोडिया विवादित इलाकों में नई लैंड माइंस बिछा रहा है।
- कंबोडिया का कहना—ये माइंस पुराने सिविल वॉर के अवशेष हैं।
थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने कहा कि कंबोडिया ने बातचीत का कोई संकेत नहीं दिया है और सेना “पहले से तय योजना के अनुसार अभियान जारी रखेगी।”
दोनों देशों की बयानबाजी और बढ़ते सैन्य हमले यह दिखाते हैं कि स्थिति जल्द शांत होने की उम्मीद नहीं है।
