
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तराखंड क्रांति दल भी चुनावी तैयारियों में जुट गया है। इस बार दल सख्त भू-कानून, राजधानी गैरसैंण, पलायन, रोजगार व स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहा है। इन सभी मुद्दों को घोषणा पत्र में भी शामिल किया जा रहा है। दल का घोषणापत्र 20 दिसंबर तक जारी करने की भी तैयारी है। इसके साथ ही प्रत्याशियों की पहली सूची भी जारी की जाएगी।उत्तराखंड क्रांति दल की पहचान राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दल के रूप में रही है। यह बात अलग है कि अलग राज्य गठन की अवधारणा के साथ पैदा हुआ यह दल इस समय अस्तित्व बचाने की जंग लड़ रहा है। राज्य गठन के बाद हुए पहले चुनाव में उक्रांद ने गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल के रूप में चुनाव लड़ा। इसमें उसके चार प्रत्याशियों को जीत मिली। दल को 6.36 वोट मिले। चुनाव में पहली बार उतरने वाले दल के रूप में यह प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। इसी मत प्रतिशत के आधार पर उक्रांद को राज्य स्तरीय राजनैतिक दल के रूप में मान्यता मिली।दूसरे विधानसभा चुनाव में उक्रांद का मत प्रतिशत तो यथावत रहा लेकिन उसके केवल तीन ही प्रत्याशी जीत दर्ज कर पाए। उक्रांद ने सरकार को समर्थन देकर मंत्रिमंडल में भी जगह बनाई। यहां दल के भीतर अहम की लड़ाई शुरू हो गई।
नतीजा यह हुआ कि तीसरे विधानसभा चुनाव में उक्रांद को केवल एक सीट मिली और चौथे विधानसभा चुनाव में दल को जनता ने पूरी तरह नकार दिया। इसका एक बड़ा कारण दल के नेताओं की महत्वाकांक्षा के कारण दल का दो फाड़ होना रहा।दल में एका के बाद कमान राज्य आंदोलन में फील्ड मार्शल के रूप में पहचाने जाने वाले दिवाकर भट्ट के हाथ में आई। उनका स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण दल के दूसरे दिग्गज नेता काशी सिंह ऐरी के हाथ में अब कमान सौंपी गई है, जो नए सिरे से दल को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। इस कड़ी में वह लगातार पर्वतीय क्षेत्रों का दौरा कर दल के आधार को फिर से मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही दल विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार अपनी आवाज भी बुलंद कर रहा है। अब चुनाव नजदीक देख दल ने अपने घोषणा पत्र को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी के अनुसार दल इस बार भू-कानून, राजधानी गैरसैंण, बेरोजगारी, पलायन, भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य सेवाएं व शिक्षा व्यवस्था को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का घोषणा पत्र 20 दिसंबर से पहले जारी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्याशियों की पहली सूची भी इसी दौरान जारी कर दी जाएगी।