नई दिल्ली, 19 नवंबर: अमेरिका की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राफेल लड़ाकू विमान के खिलाफ जानबूझकर दुष्प्रचार अभियान चलाया।
भारत ने मई 2025 में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के राफेल विमान को मार गिराया, लेकिन यह दावा पूरी तरह से झूठा निकला। अमेरिकी-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने इस अवसर का इस्तेमाल अपने J-35 विमान को बढ़ावा देने के लिए किया।
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन ने AI की मदद से राफेल विमानों के कथित “मलबे” की फर्जी तस्वीरें तैयार की और उन्हें सोशल मीडिया पर फैलाया। इस अभियान में नकली सोशल मीडिया अकाउंट्स का भी इस्तेमाल किया गया।
2024 में चीन समर्थक ऑनलाइन अकाउंट्स ने अमेरिका में विभाजन पैदा करने के लिए AI-जनरेटेड न्यूज एंकर और प्रोफाइल फोटो का उपयोग किया।
ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो के अनुसार, ताइवान के सरकारी सेवा नेटवर्क पर रोजाना औसतन 2.4 मिलियन साइबर हमले हुए, जिनमें अधिकांश जिम्मेदार चीन की साइबर ताकतें थीं।
2024 में चीन ने पलाऊ की सरकार पर भी साइबर हमले किए और ताइवान के चुनावों में व्यापार जांच और टैरिफ के माध्यम से रणनीतिक हस्तक्षेप किया।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन का यह रणनीतिक दुष्प्रचार और साइबर हमले वैश्विक सुरक्षा और डिजिटल खुफिया युद्ध में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाते हैं।
