
स्वयं सशक्त होने के साथ ही अन्य गांवों की महिलाओं को भी स्वरोजगार से जोडऩे वाली इन महिलाओं ने वित्तीय वर्ष 2021-2022 में करीब नौ लाख रुपये का कारोबार किया। ‘जहां चाह, वहां राह’ इस उक्ति को सार्थक कर रही हैं, उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ ब्लाक स्थित तुल्याड़ा मल्ली गांव की आठ महिलाएं। इसमें उन्हें करीब चार लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।तुल्याड़ा मल्ली गांव जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 35 किमी दूर पड़ता है। इस गांव की सरिता रमोला, रीना रमोला, शशि रमोला, निर्मला रमोला, अंजू रमोला, नीलम रावत, कांता परमार व गुड्डी देवी ने 2019 में एलईडी बनाने का प्रशिक्षण लिया। उत्तरकाशी में आयोजित यह प्रशिक्षण 15 दिन चला। इस दौरान महिलाओं ने एलईडी के साथ कन्सिल लाइट, सोलर लाइट, लड़ी, फोकस लाइट व ट्यूब लाइट बनाना भी सीखा।
प्रशिक्षण के उपरांत गांव लौटने पर इन महिलाओं ने चौका-चूल्हा, खेती किसानी व मवेशियों की देखभाल के साथ गांव में ही सामूहिक रूप एलईडी बल्ब बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने अपर्णा स्वयं सहायता समूह का गठन किया। फिर प्रशिक्षकों के जरिये दिल्ली से एलईडी बनाने के लिए सामान मंगवाया गया।एलईडी बल्ब का इन महिलाओं ने पहले अपने घरों में ही उपयोग किया और फिर गांव में बेचा। इसके बाद तो जिले के कई विभागों ने इनसे एलईडी के लिए संपर्क किया। अब तक ये 500 से अधिक एलईडी बल्ब बेच चुकी हैं। महिलाओं की कार्य कुशलता को देखते हुए जनवरी 2021 में जिला प्रशासन ने चिन्यालीसौड़ आर्च ब्रिज पर लाइटिंग का काम इन्हें सौंपा। इसके लिए इन्होंने कच्चा माल दिल्ली से मंगवाया।
आर्च ब्रिज के लिए एलईडी लडिय़ां बनाने के कार्य से गांव की 15 और महिलाओं को जोड़ा गया। इस ब्रिज में एलईडी लडिय़ां और 60 से अधिक फोकस लाइट लगाई गई हैं, जिनसे पुल की आभा देखते ही बनती है।स्वरोजगार अपनाकर स्वावलंबी बनने वाली तुल्याड़ा मल्ली की महिलाएं अभी हर महीने सात से आठ हजार रुपये कमा रही हैं। जबकि, त्योहारी सीजन पर तुल्याड़ा के साथ कुमराड़ा और बदाणगांव की महिलाओं को भी काम मिलता है।अब ये महिलाएं चिन्यालीसौड़ और उत्तरकाशी के इलेक्ट्रिकल व्यापारियों के लिए भी एलईडी के साथ कन्सिल लाइट, सोलर लाइट, लड़ी, फोकस लाइट व ट्यूब लाइट तैयार करती हैं। अपर्णा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रीना रमोला और सचिव सरिता रमोला कहती हैं कि चौका-चूल्हा के साथ वित्तीय वर्ष 2020-2021 में उन्होंने 4.5 लाख रुपये का कारोबार किया। इसमें 95 हजार रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।