
नई टिहरी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में आयोजित मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरण कार्यक्रम में प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, पशुपालन, दुग्ध एवं मत्स्य मंत्री रेखा आर्या ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए महालक्ष्मी कीटों का वितरण किया।
द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए श्रीमती आर्या ने कहा कि उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। उनकी संकल्पना है कि उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ देवियों की भूमि भी कहा जाए और यह केवल तभी संभव है जब महिलाएं नवजात बेटियों की सही परवरिश, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्रो में बालको की तरह सामना अवसर देंगी। उन्होंने कहा कि समूचे देश व विश्व में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं ने अपना परचम ना लहराया हो। कहा यही नवजात बेटियां आने वाले भविष्य में प्रदेश व देश का नाम रोशन करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान लिंगानुपात प्रति हजार पुरुषों के सापेक्ष 960 महिला है। लिंगानुपात के इस अंतर को पाटने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसी के तहत प्रसव उपरांत माता एवं कन्या शिशु के पोषण, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार में बच्ची के जन्म पर परिजनों को बहुत सारी सामग्री खरीदनी पड़ती है। यह किट उपलब्ध होने के बाद उनको बच्चे की परवरिश हेतु छोटी-मोटी चीजें खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरण योजना को लागू करने/धरातल पर उतारने वाला उत्तराखंड पहला व इकलौता राज्य है।
कार्यक्रम में माननीय मंत्री द्वारा 30 महालक्ष्मी कीटों का वितरण किया गया वही जनपद भर में माह अप्रैल से जून तक जन्मी 741 बालिकाओं को विकासखंड स्तर पर महालक्ष्मी किट का वितरण किया जाएगा।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्षा सोना सजवान, जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी नमामि बंसल, परियोजना निदेशक डीआरडीए आनंद भाकुनी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी बबीता शाह, दुग्ध संघ अध्यक्ष जगदंबा प्रसाद बेलवाल, प्रमुख जखनीधार सुनीता देवी, प्रमुख चंबा शिवानी बिष्ट, जिलाध्यक्ष बीजेपी विनोद रतूड़ी, पूर्व प्रमुख बेबी असवाल, गोविंद रावत, परमवीर पंवार, रेखा राणा के अलावा नव प्रसूता महिलाएं उपस्थित थी।