
उत्तराखंड में डॉक्टर निधि उनियाल के निलंबन मामले पर सरकार जबरदस्त दबाव में है. राजनीतिक दलों के साथ ही चिकित्सकों और आम लोगों का भी समर्थन मिलने के बाद सरकार ने निधि उनियाल का निलंबन वापस तो ले लिया है, लेकिन अब भी शासन में इसको लेकर खलबली मची हुई है. मामले पर आज मुख्य सचिव एसएस संधू ने स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे से बात की. उधर, 1 दिन पहले तक मजबूती से सामने आने वाला चिकित्सक संघ बैकफुट पर दिखाई दे रहा है.
दून मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल के इस्तीफे के बाद मचे हंगामे ने शासन से लेकर सरकार तक में खलबली मचा दी है. यही कारण है कि इस मामले के सार्वजनिक होने के बाद खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव एसएस संधू को इस पर जरूरी आदेश दिए हैं. खास बात यह है कि इस मामले पर आज मुख्य सचिव एसएस संधू ने सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे को बुलाकर उनसे बात की. इस दौरान इस मामले की पूरी जानकारी मुख्य सचिव द्वारा ले ली गई है.
मुख्य सचिव एसएस संधू ने फौरन इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. वहीं, दूसरी तरफ एक दिन पहले तक निधि उनियाल की लड़ाई लड़ने वाले चिकित्सक संगठन ने हाथ पीछे खींच लिए हैं. दरअसल, चिकित्सक संघ की तरफ से आज इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कॉल की गई थी लेकिन सुबह होते-होते भारी दबाव के बाद चिकित्सकों ने अपने इस निर्णय को वापस ले लिया.
उधर, स्वास्थ सचिव की पत्नी से हुए विवाद के बाद दून अस्पताल की वरिष्ठ महिला डॉक्टर निधि उनियाल के समर्थन में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश सड़कों पर देखने को मिला है. अस्पताल की महिला डॉक्टर के समर्थन में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज एश्ले हॉल चौक पर स्वास्थ सचिव डॉक्टर पंकज कुमार पांडे का पुतला दहन करते हुए सरकार से उन्हें निष्कासित किए जाने की मांग की है.
युवा कांग्रेस के महामंत्री आयुष सेमवाल ने कहा कि इससे पहले भी उनका नाम NH-74 घोटाले में सामने आया था. तब भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इसलिए उत्तराखंड युवा कांग्रेस यह मांग करती है कि स्वास्थ सचिव को तुरंत प्रभाव से निष्कासित किया जाए.