
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सोमवार देर रात हुई मूसलधार वर्षा ने भयंकर तबाही मचा दी। जगह-जगह बादल फटने और नदियों के उफान से कई इलाके जलमग्न हो गए। अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 8 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।
प्रभावित क्षेत्र और नुकसान
सबसे अधिक नुकसान सहस्रधारा के पास कारलीगढ़, मालदेवता, प्रेमनगर, और मसूरी क्षेत्रों में देखने को मिला है।
- मालदेवता क्षेत्र में नदी के तेज बहाव से सड़कें, पुल और सुरक्षा दीवारें बह गईं।
- रिस्पना और बिंदाल नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि से कई रिहायशी कॉलोनियां पानी में डूब गईं।
- कई मकानों में मलबा घुस गया और लोगों को रातभर छतों पर शरण लेनी पड़ी।
दर्जनों दुकानों और होटलों को नुकसान पहुंचा है।
जानमाल की क्षति
- आसन नदी में एक ट्रैक्टर ट्रॉली के बहने से 13 लोग बह गए, जिनमें से 10 के शव बरामद किए जा चुके हैं।
- मसूरी-देहरादून मार्ग पर भूस्खलन के चलते दो लोग मलबे में दबे, जिनमें से एक की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
- कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक स्कूटी सवार युवक की मौत हुई।
टपकेश्वर महादेव मंदिर में पानी भरने से मंदिर परिसर को नुकसान हुआ है। रेलिंग और पानी की टंकी बह गई। देवभूमि कॉलेज में मलबा भर जाने से छात्रों को तत्काल सुरक्षित बाहर निकाला गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार से बात कर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं और राहत शिविर बनाए जा रहे हैं।