
प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद व्यावसायिक वाहनों के किराये के संबंध में निर्णय हो सकता है। किराया घटाने के लिए बनाई गई समिति इस संबंध में अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को दे चुकी है। माना जा रहा है कि मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा से पहले व्यावसायिक वाहनों में यात्री किराया व माल भाड़े को लेकर निर्णय ले लिया जाएगा।प्रदेश में वाहनों के किराये पर निर्णय राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) लेता है। किराये को लेकर हर साल बैठक करने का प्रविधान है। किराये के संबंध में एसटीए की अंतिम बैठक अक्टूबर 2021 में हुई थी। इस बैठक में वाहनों के किराये में वृद्धि प्रस्तावित की गई थी। इसके अनुसार साधारण बसों के किराये में 29 पैसे से लेकर 45 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई।
एसी नान डीलक्स बसों के लिए यह वृद्धि मूल दर की 1.25 गुना, एसी डीलक्स के लिए यह दर मूल दर की 1.90 गुना और सुपर लग्जरी कोज के लिए यह दर मूल दर की तीन गुना प्रस्तावित की गई। चारधाम व हेमकुंड साहिब जाने वाली बसों में यह दर सात से 10 रुपये तक बढ़ाई जानी प्रस्तावित की गई।सिटी बसों के लिए किराये में तीन रुपये से पांच रुपये, आटो रिक्शा के लिए प्रति किमी तीन रुपये और रात को दोगुना किराया किया जाना प्रस्तावित था। वहीं, टैक्सी व मैक्सी के लिए दरों में 10 से लेकर 13 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित थी। ई रिक्शा के लिए किराया पूरे रिक्शा के लिए प्रति किमी 13 रुपये प्रस्तावित किया गया। वहीं, ट्रक के किराये में भी प्रति किमी, प्रति क्विंटल 5.25 रुपये की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई।
इसका वाहन संचालकों ने विरोध किया। उनका तर्क था कि प्रदेश के हर जिले की भौगोलिक स्थिति भिन्न है। ऐसे में सभी जिलों के लिए उसी के अनुसार किराया तय किया जाए। इस पर एसटीए ने आरटीओ देहरादून डीके पठोई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। यह समिति नए सिरे से किराये का अध्ययन कर अपनी एक रिपोर्ट एसटीए को भेज चुकी है।इस बीच विधानसभा चुनाव होने के कारण एसटीए की बैठक नहीं हो पाई। माना जा रहा है कि अगले माह होने वाली चारधाम यात्रा को देखते हुए परिवहन विभाग नई सरकार से इस संबंध में चर्चा करेगी और फिर किराये के संबंध में बैठक बुलाई जाएगी।