
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन पर आगे बढ़ते हुए उत्तराखंड अब विकसित राज्यों की दौड़ में शामिल होने के लिए शक्ति झोंकेगा। पुष्कर सिंह धामी सरकार केंद्र की मदद से चल रही ढांचागत परियोजनाओं की सहायता से युवा उत्तराखंड के सपनों को साकार करने का खाका खींचने जा रही है।राज्यपाल अभिभाषण में डबल इंजन के बूते उत्तराखंड के विकास के साथ समान नागरिक संहिता लागू करने का सरकार का संकल्प भी दिखाई देगा। मंगलवार को विधानसभा में राज्यपाल अभिभाषण में भाजपा की धामी सरकार का अगले पांच वर्ष का एजेंडा राज्यवासियों को सुकून का अहसास कराने जा रहा है।
पांचवीं विधानसभा चुनाव में मोदी मैजिक के सहारे भाजपा दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर चुकी है। प्रधानमंत्री चुनावी भाषण में उत्तराखंड की पानी और जवानी यहीं के काम आने पर जोर दे चुके हैं। राज्य के सामने रिवर्स पलायन की चुनौती है। अभिभाषण में पिछली भाजपा सरकार की उपलब्धियों के लिए पीठ थपथपाई जाएगी, तो साथ में रिवर्स पलायन समेत उत्तराखंड की चुनौतियों के समाधान की राह पर भी जोर रहने वाला है।
केंद्र सरकारी की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं चार धाम आलवेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन, टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन, सीमांत क्षेत्रों में मोटर मार्ग नेटवर्क विकसित कर रही भारतमाला से उत्तराखंड को उम्मीदें हैं।केंद्रपोषित योजनाओं की मदद से पर्वतीय राज्य में स्वास्थ्य अवस्थापना सुविधाओं के साथ ही रोड नेटवर्क, पेयजल की उपलब्धता सरकार की प्राथमिकता के नए क्षेत्र हैं। अवसंरचना विकास के इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाकर पर्यटन प्रदेश बनने की आस पूरी की जानी है। साथ में उत्तराखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने की राह अभिभाषण में झलकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पिछले कार्यकाल में बेरोजगारी से निपटने के लिए स्वरोजगार को अभियान की शक्ल देने के प्रयास किए थे। अगले पांच वर्षों में रोजगार के सृजन और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने का नया रोडमैप रखा जाएगा।प्रदेश सरकार मंगलवार को राज्यपाल अभिभाषण के बाद विधानसभा में लेखानुदान भी ला रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पूर्ण बजट के स्थान पर चार महीने के लिए करीब 21 हजार करोड़ की राशि का लेखानुदान पेश किया जा सकता है। यह पूर्ण बजट का एक तिहाई हिस्सा है।
लेखानुदान में मुख्य तौर पर प्रदेश सरकार के कार्मिकों के वेतन-भत्ते और पेंशनरों की पेंशन समेत जरूरी कार्यों के लिए धन की फौरी व्यवस्था की जानी है। सरकार का एजेंडा पूर्ण बजट में ही झलकेगा। धामी सरकार को शपथ ग्रहण करने के बाद पूर्ण बजट लाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सका है।अगले वित्तीय वर्ष में आय-व्यय के बजट को विधानसभा से स्वीकृति लेना आवश्यक है। इसमें किसी तरह का संकट उत्पन्न न हो, इसे देखते हुए ही लेखानुदान की तैयारी की गई है। इससे सरकार को पूर्ण बजट की तैयारी के लिए समय भी मिल जाएगा।