
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के स्वागत में आयोजित विजय संकल्प शंखनाद रैली का कार्यक्रम ठीक दो दिन पहले बदल गया है। हल्द्वानी रामलीला मैदान में 10 नवंबर को प्रस्तावित रैली अब 11 नवंबर को होगी। जिला कांग्रेस कमेटी का कहना है कि कार्यक्रम की व्यापक तैयारी को देखकर घबराई भाजपा ने प्रशासन को दबाव में लेकर कांग्रेस के पार्किंग स्थल को अपना कार्यक्रम स्थल बना दिया। कांग्रेस को कार्यक्रम स्थल की स्वीकृति न देने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया गया। नैनवाल का कहना है कि प्रशासन ने रविवार रात उन्हें और कांग्रेस महानगर अध्यक्ष को बुलाकर कार्यक्रम स्थल की स्वीकृति देने में असमर्थता जता दी। नैनवाल ने बताया कि प्रशासन ने स्टेडियम में होने वाले अपने कार्यक्रम के लिए रामलीला मैदान को पार्किंग बनाया है। इससे भाजपा की घबराहट जगजाहिर हो गई है।कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल का कहना है कि भाजपा ने चालाकी के साथ राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम 10 नवंबर को रखा। राज्य बने 21 वर्ष हो गए, आज तक सभी कार्यक्रम नौ नवंबर को हुए हैं। आयोजन स्थल जिला मुख्यालय रहा है। हल्द्वानी में कोई कार्यक्रम होते भी हैं तो उसके लिए एमबी इंटर कालेज व उसके मैदान को चुना जाता है। कांग्रेस की विशाल रैली के सामने भाजपा के कार्यक्रम की पोल न खुल जाए, इसके लिए कांग्रेस आयोजन की तिथि बदलने के लिए मजबूर किया गया।
प्रदेश सरकार की करतूत के विरोध में कांग्रेस ने पुतला दहन करने का एलान किया है। महानगर अध्यक्ष राहुल छिमवाल ने बताया कि जिला, महानगर के अलावा क्लाक कमेटियों की ओर से अपने-अपने क्षेत्र में पुतला दहन किया जाएगा। हल्द्वानी में बुद्ध पार्क में प्रदेश सरकार का पुतला जलाने के लिए कांग्रेसी एकत्र होंगे।पूरे वाकये के बाद कांग्रेस की ओर से पहली प्रतिक्रिया जिलाध्यक्ष कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल की आई है। नैनवाल का कहना है कि प्रदेश सरकार कांग्रेस से डरी हुई है। नैनवाल ने इसकी दो वजह गिनाई हैं। उनका कहना है कि पूर्व मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस में वापस आने से भाजपा को बड़ा झलका लगा है। दूसरा हिमाचल में हुए हालिया उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से भाजपा मिलमिलाई है। भाजपा की करनी से साबित होता है कि वह कांग्रेस के दबाव में हैं। भाजपा सरकार प्रशासन को दबाव में लेकर कांग्रेस के कार्यक्रमों में दखल देने का प्रयास कर रही है। नैनवाल ने कहा भाजपा अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होगी। जनता भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बेकरार है।